दिल से देखा तो भरी महफिल में खुदको अकेला पाया। वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा !! आजकल वो सड़क भी तनहा हो गई, जब से तुम ने वहां से गुज़रना बंद कर दिया। सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता मेरे कमरे में किताबों https://youtu.be/Lug0ffByUck