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5 Simple Statements About mahavidya tara Explained

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ह्राँ ह्रदयाय नम: (ह्रदय को स्पर्श करें) अलसस्य कुतो विद्या ,अविद्यस्य कुतो धनम् । मनुष्य का मूल स्वभाव है शिशुवत् रहना। प्यार से कोई उसको बेटा कह देता है तो कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, मन एक बार पुलकित हो जाता है। इसके पीछे छुपी होती है https://yantra26058.blazingblog.com/25449156/mahavidya-tara-fundamentals-explained

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