न तो आफताब ही से ये बन पड़ता है कि वह माहताब को जा ले और न रात ही दिन से आगे बढ़ सकती है (चाँद, सूरज, सितारे) हर एक अपने-अपने आसमान (मदार) में चक्कर लगा रहें हैं ये वही जहन्नुम है जिसका तुमसे वायदा किया गया था اور سورج https://wessexb814qzg7.rimmablog.com/profile